यह उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद जी की है यह उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद जी की है
जबकि वो तीनों मुर्ख बिना मतलब शेर से भिड़कर अपनी जान दे बैठे।" बादशाह अकबर खड़े होते हुए जबकि वो तीनों मुर्ख बिना मतलब शेर से भिड़कर अपनी जान दे बैठे।" बादशाह अकबर खड़े हो...
ख़ुदा के गगर देर है अंधेर नहीं। ख़ुदा के गगर देर है अंधेर नहीं।
अच्छा तुम्हें उस खजाने को ढूँढने के लिए किसी बुद्धिबल वाले आदमी की तलाश है अच्छा तुम्हें उस खजाने को ढूँढने के लिए किसी बुद्धिबल वाले आदमी की तलाश है